बेमिसाल थे आप....
बेमिसाल थे आप |
क्या मिसाल देगा कोई आपकी
आप ख़ुद एक बेमिसाल हस्ती थे ,
कभी सोचा ना था की आपको इस
तरह खोएंगे हम ,
आपकी यादे जैसे नशा -सी हो गयी
छुड़ाने से छूटती ही नहीं रहीं ,
आपका इस दुनिया से चले जाना
वास्तव मे भारतीय सिनेमा की
मजबूत बुनियाद से एक ईंट का
कम हो जाना है ,
आपके हाथों मे गिटार हो या डफली
ये चित्रण नज़रों से दूर ही नहीं हो रहा ,
आपकी फ़िल्मे देखकर जैसे हमारी
पीढी ने रोमांस का मतलब सीखा है ,
आपकी कई बाते हमे प्रभावित
करती रहीं जैसे "निजी जीवन
मे ताकझांक का नापसंद करना "
और आपने अपने बड़बोलेपन को
भी कभी नहीं छुपाया ,
आपका हर रिश्ता ईमानदारी की
गवाही देता था चाहे वो एक
बेटे ,दोस्त ,पति और पिता का हो ,
आपकी जिंदादिली का तो कोई
ज़वाब ही नहीं था ,
आपके सदा बहार गानो का
तो कोई ज़वाब ही नहीं था जैसे -
"हम तुम एक कमरे मे बंद हो
और चाभी खो जाए "
आज भी मशहूर है ,
आपके हर संवाद बेहद प्रसिद्ध
रहे जैसे -
"सभी इंसान एक जैसे ही तो
होते है वही दो हाथ ,दो पांव ,
दो आँखे ,कान चेहेरे सबके
एक जैसे ही होते है फिर क्यों
कोई सिर्फ़ एक ऐसा होता है
जो इतना प्यारा लगने लगता है
की अगर उसके लिए जान भी
देनी पड़े तो हसते -हसते दी
जा सकती है "
उन्हीं मे से एक शख़्सियत
थे आप जिन्हे भूल पाना
बेहद मुश्किल है।
-शैफाली
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